Most Difficult Courses: देश के 10 सबसे कठिन कोर्स, मुश्किल से मिलता है एडमिशन, उड़ा देते हैं रातों की नींद - Finance With Guruji

नई दिल्ली (Most Difficult Courses in India). 12वीं बोर्ड परीक्षा खत्म होने के बाद भी परीक्षा की घड़ी खत्म नहीं हुई है. स्टूडेंट्स पर बोर्ड रिजल्ट के साथ ही जेईई, नीट, सीए, सीएस समेत विभिन्न परीक्षाओं का स्ट्रेस भी हावी है. करोड़ों स्टूडेंट्स बीटेक, एमबीबीएस, आर्किटेक्चर आदि कोर्सेस में एडमिशन की तैयारी में जुटे हुए हैं. 12वीं पास करने के बाद अपनी रुचि के हिसाब से ही किसी कोर्स में दाखिला लेना चाहिए. जानिए देश के 10 सबसे कठिन कोर्स, जिनमें 12वीं के बाद एडमिशन मिलता है.

Most Difficult Courses List: भारत के 10 सबसे कठिन कोर्स
एमबीबीएस, बीटेक, सीए, सीएस आदि कोर्सेस की पढ़ाई काफी कठिन मानी जाती है. इनके टॉप कॉलेज में एडमिशन मिलना भी मुश्किल होता है (Most Difficult Courses after 12th). जानिए देश के 10 सबसे कठिन कोर्स और उनकी कठिनाई के कारण.

1- एमबीबीएस (Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery)
मेडिकल प्रवेश परीक्षा: नीट यूजी, जो भारत की सबसे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में से एक है. हर साल लाखों स्टूडेंट्स नीट यूजी परीक्षा देते हैं.
एमबीबीएस सिलेबस: शरीर रचना, फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी जैसे जटिल विषय.
अवधि: 5.5 वर्ष (4.5 वर्ष पढ़ाई + 1 वर्ष इंटर्नशिप).
प्रैक्टिकल: अस्पतालों में लंबे समय तक क्लिनिकल प्रैक्टिस, रोगियों की देखभाल और आपातकालीन स्थिति में काम.
करियर: डॉक्टर, सर्जन, विशेषज्ञ चिकित्सक.
संस्थान: विभिन्न एम्स, सीएमसी वेल्लोर, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज आदि.

2- बीटेक (Bachelor of Technology) – आईआईटी
इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा: जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड, जो दुनिया की सबसे कठिन इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं में गिनी जाती हैं.
इंजीनियरिंग कोर्स सिलेबस: भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित के गहन सिद्धांत, साथ ही इंजीनियरिंग विषय जैसे मैकेनिक्स, थर्मोडायनामिक्स और प्रोग्रामिंग.
अवधि: 4 वर्ष, जिसमें प्रोजेक्ट्स और इंटर्नशिप शामिल हैं.
प्रतिस्पर्धा: IITs में सीमित सीटें और लाखों उम्मीदवार.
करियर: सॉफ्टवेयर इंजीनियर, मैकेनिकल इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट आदि.
संस्थान: आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी कानपुर आदि.

3- चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA)
सीए प्रवेश प्रक्रिया: सीए फाउंडेशन, इंटरमीडिएट और फाइनल स्तर की परीक्षाएं, जिनका पास प्रतिशत कम (लगभग 10-15%) है.
सीए कोर्स सिलेबस: अकाउंटिंग, ऑडिटिंग, टैक्सेशन, कॉरपोरेट लॉ और फाइनेंशियल मैनेजमेंट जैसे जटिल विषय.
अवधि: 4-5 वर्ष, जिसमें 3 वर्ष की अनिवार्य आर्टिकलशिप शामिल है.
मल्टी-टास्किंग: पढ़ाई के साथ प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और कठिन परीक्षाओं की तैयारी.
करियर: चार्टर्ड अकाउंटेंट, टैक्स कंसल्टेंट, फाइनेंशियल एनालिस्ट.
संस्थान: आईसीएआई (Institute of Chartered Accountants of India).

4- एस्ट्रोफिजिक्स (Astrophysics)
सिलेबस: खगोल भौतिकी, ब्रह्मांड विज्ञान और सेलेस्टियल बॉडीज का गहन अध्ययन, जिसमें गणित और भौतिकी के हाई लेवल कॉन्सेप्ट शामिल हैं.
एडमिशन: आईआईएससी, आईआईटी या विशेष संस्थानों में एडमिशन के लिए जेईई एडवांस्ड या गेट जैसी परीक्षाएं पास करना जरूरी.
सीमित संस्थान: भारत में इस कोर्स के लिए सीमित संस्थान और संसाधन.
अवधि: 4-5 वर्ष (B.Sc./M.Sc. या इंटीग्रेटेड प्रोग्राम).
करियर: खगोल वैज्ञानिक, रिसर्चर, डेटा एनालिस्ट आदि.
संस्थान: आईआईएसी बेंगलुरु, TIFR, आदि.

5- न्यूरोसाइंस (Neuroscience)
सिलेबस: मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम का गहन अध्ययन, जिसमें बायोलॉजी, केमिस्ट्री और साइकोलॉजी के कठिन कॉन्सेप्ट शामिल हैं.
प्रवेश: नीट यूजी (मेडिकल रूट) या आईआईएससी/आईआईटी जैसे संस्थानों की प्रवेश परीक्षाएं पास करके.
रिसर्च: न्यूरोसाइंस में रिसर्च-ओरिएंटेड अप्रोच, जिसमें लंबे समय तक लैब वर्क भी शामिल है.
अवधि: 5-7 वर्ष (बीएससी/एमएससी या एमबीबीएस के बाद विशेषज्ञता).
करियर: न्यूरोलॉजिस्ट, रिसर्च साइंटिस्ट, साइकोलॉजिस्ट आदि.
संस्थान: NIMHANS बेंगलुरु, एम्स दिल्ली आदि.

6- एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (Aerospace Engineering)
प्रवेश परीक्षा: जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड के जरिए आईआईटी/एनआईटी में एडमिशन.
सिलेबस: एयरोडायनामिक्स, प्रपल्शन, स्पेसक्राफ्ट डिज़ाइन और गणित.
प्रोजेक्ट्स: सैटेलाइट डिज़ाइन या विमान प्रोटोटाइप जैसे कठिन प्रोजेक्ट.
अवधि: 4 वर्ष (बीटेक).
करियर: एयरोस्पेस इंजीनियर, एविएशन रिसर्चर, डिफेंस इंजीनियर आदि.
संस्थान: आईआईटी मद्रास, आईआईटी कानपुर, इसरो.

7- बीआर्क (Bachelor of Architecture)
प्रवेश परीक्षा: जेईई मेन (पेपर 2) या NATA, जो रचनात्मक और तकनीकी कौशल का परीक्षण करती है.
बीआर्क सिलेबस: डिज़ाइन, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चरल ड्रॉइंग जैसे विषय, जो तकनीकी और रचनात्मक दोनों हैं.
अवधि: 5 साल, जिसमें व्यापक प्रोजेक्ट्स और इंटर्नशिप शामिल हैं.
वर्कलोड: लंबे समय तक स्टूडियो में काम और डिटेल्ड मॉडलिंग.
करियर: आर्किटेक्ट, अर्बन प्लानर, इंटीरियर डिज़ाइनर आदि.
संस्थान: एसपीए दिल्ली, सीईपीटी अहमदाबाद, आईआईटी खड़गपुर आदि.

8- बीएससी इन रिसर्च (Bachelor of Science (B.Sc.) in Research) – आईआईएससी
प्रवेश परीक्षा: KVPY, जेईई एडवांस्ड या नीट के जरिए IISc में एडमिशन.
सिलेबस: भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और बायोलॉजी की इंटेंसिव रिसर्च ओरिएंटेड स्टडी.
अवधि: 4 वर्ष, जिसमें अनिवार्य रिसर्च प्रोजेक्ट्स शामिल हैं.
प्रतिस्पर्धा: सीमित सीटें और उच्च एकेडमिक स्टैंडर्ड.
करियर: रिसर्च साइंटिस्ट, प्रोफेसर, डेटा एनालिस्ट आदि.
संस्थान: आईआईएससी बेंगलुरु, IISERs आदि.

9- कंपनी सेक्रेटरी (CS)
प्रवेश प्रक्रिया: CSEET, Executive और Professional स्तर की परीक्षाएं, जिनका पास प्रतिशत कम रहता है.
सीएस सिलेबस: कॉरपोरेट लॉ, गवर्नेंस, फाइनेंशियल मैनेजमेंट और टैक्सेशन.
अवधि: 3-4 वर्ष, जिसमें प्रैक्टिकल ट्रेनिंग शामिल है.
मल्टी-टास्किंग: पढ़ाई के साथ ट्रेनिंग और परीक्षा की तैयारी.
करियर: कंपनी सेक्रेटरी, कॉरपोरेट कंसल्टेंट, लीगल एडवाइज़र.
संस्थान: आईसीएसआई (Institute of Company Secretaries of India).

10- एलएलबी, इंटीग्रेटेड बीए एलएलबी
एलएलबी प्रवेश परीक्षा: CLAT, AILET या LSAT, जो कानूनी तर्क और सामान्य ज्ञान का परीक्षण करती हैं.
एलएलबी कोर्स सिलेबस: संवैधानिक कानून, आपराधिक कानून, कॉरपोरेट लॉ और अंतरराष्ट्रीय कानून जैसे जटिल विषय.
अवधि: 5 वर्ष (इंटीग्रेटेड प्रोग्राम).
वर्कलोड: केस स्टडी, मूट कोर्ट और इंटर्नशिप.
करियर: वकील, कॉरपोरेट लॉयर, जज.
संस्थान: NLSIU बेंगलुरु, NLU दिल्ली, NALSAR हैदराबाद आदि.

ये कोर्स सबसे कठिन क्यों हैं?

  • प्रतिस्पर्धी प्रवेश परीक्षाएं: नीट, जेईई, सीए, CLAT जैसी परीक्षाओं में लाखों उम्मीदवार, टॉप संस्थानों में कम सीटें.
  • सिलेबस की अधिकता: गहन और जटिल विषय, जिनमें सैद्धांतिक और प्रैक्टिकल दोनों पहलू शामिल हैं.
  • लंबी अवधि: अधिकांश कोर्स 4-5 वर्ष या उससे अधिक समय लेते हैं.
  • प्रैक्टिकल ट्रेनिंग: इंटर्नशिप, आर्टिकलशिप या क्लिनिकल कार्य की अनिवार्यता.
  • उच्च मानसिक और शारीरिक दबाव: लंबे समय तक पढ़ाई, तनाव और समय प्रबंधन की चुनौती.

काम की बात

  • रुचि और क्षमता: किसी भी कोर्स में एडमिशन लेने से पहले अपनी रुचि और एकेडमिक क्षमता का आकलन करें. उदाहरण, एमबीबीएस के लिए बायोलॉजी में रुचि और धैर्य जरूरी है, जबकि सीए के लिए गणित और विश्लेषणात्मक कौशल.
  • प्रवेश परीक्षा की तैयारी: कोचिंग या सेल्फ-स्टडी के जरिए नीट, जेईई, सीए आदि परीक्षाओं की तैयारी की जाती है.
  • संस्थान का चयन: प्रतिष्ठित संस्थानों (जैसे आईआईटी, एम्स, NLSIU) को प्राथमिकता दें. यहां बेहतर संसाधन और अवसर मिलतेते हैं.
  • बैकअप प्लान: अगर प्रवेश परीक्षा में सफलता न मिले तो अन्य विकल्प जैसे बीएससी, बीकॉम या डिप्लोमा कोर्स पर विचार करें.

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