Market outlook : 12 महीनों में निफ्टी छू सकता है 25521 का स्तर, जून में ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट कटौती की उम्मीद : PL कैपिटल - market outlook nifty may touch 25521 level in 12 months 25 basis point cut in interest rates expected in june pl capital - Finance With Guruji

Market outlook : 12 महीनों में निफ्टी छू सकता है 25521 का स्तर, जून में ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट कटौती की उम्मीद : PL कैपिटल – market outlook nifty may touch 25521 level in 12 months 25 basis point cut in interest rates expected in june pl capital

Stock market : भारत की सबसे भरोसेमंद फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियों में से एक, PL कैपिटल ने अपनी नई इंडिया स्ट्रैटेजी रिपोर्ट में कहा है कि उसने वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 के निफ्टी ईपीएस अनुमानों में 6.2 फीसदी और 5.6 फीसदी की कटौती की है। वर्तमान टैरिफ वॉर और अस्थिर मैक्रो स्थितियों को देखते हुए वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में ईपीएस अनुमानों में और कटौती की संभावना है। पीएल कैपिटल को उम्मीद है कि निकट अवधि में घरेलू इकोनॉमी पर आधारित शेयर ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करेंगे। इसमें हॉस्पिटल, घरेलू फार्मा, रिटेल, चुनिंदा स्टेपल, बैंक, डिफेंस और पावर शेयर शामिल हैं। पीएल कैपिटल ने निफ्टी को उसके 15 साल के औसत पीई (18.9 गुना) पर 7.5 फीसदी डिस्काउंट देते हुए मार्च 2027 के 1460 ईपीएस पर इसका वैल्युएशन 17.5 गुना किया है, जिसके आधार पर निफ्टी का 12 महीने का लक्ष्य 25,521 (25,689 से संशोधित) हासिल होता है। इस मतलब है कि अगले 12 महीनों में निफ्टी 25521 का स्तर छू सकता है।

निफ्टी में इस साल अब तक 3.8 फीसदी की गिरावट आई है। घरेलू मांग में सुस्ती, कंपनियों की आय में कमी,एफआईआई की बिकवाली और बढ़ते टैरिफ वॉर के चलते निफ्टी पर दबाव देखने को मिला है। PL कैपिटल हाल ही में लगाए गए रिसीप्रोकल टैरिफ को अमेरिका की तरफ अपने ठप पड़े घरेलू मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को पुनर्जीवित करने के प्रयास के रूप में देखता है। हालांकि, अमेरिका को कमजोर बैलेंस शीट, भारी व्यापार घाटा, 1.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के शॉर्टफाल और 36 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल कर्ज के बोझ सहित कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

PL कैपिटल का कहना है कि घरेलू मांग में कमजोरी बनी हुई है। खाने पीने की चीजों की महंगाई में आई तेज गिरावट अभी भी उपभोक्ताओं के भावना में सुधार और खर्च में बढ़त के रूप में सामने नहीं आई है। RBI ने रेपो रेट में दो बार में कुल 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती (हर बार 25 बेसिस प्वाइंट) की है। इसके साथ ही दरों में और कटौती किए जाने की भी उम्मीद है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2026 के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को भी 20 बेसिस प्वाइंट तक घटा दिया है। सामान्य मानसून ने भी मंहगाई को कम करने में मदद की है। कर कटौती से कारदाताओं को होने वाली 1 लाख करोड़ रुपए की बचत के साथ-साथ सरकारी पूंजीगत व्यय से भी बाजार को सपोर्ट मिलने की उम्मीद है। ग्लोबल महौल खराब होने के कारण बाजार का ओवरऑल आउटलुक काफी अनिश्चित बना हुआ है।

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