Market Outlook : 11 अप्रैल को भारतीय इक्विटी इंडेक्स निफ्टी 22,800 के ऊपर बना रहा और अंत में बढ़त के साथ बंद हुआ। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 1,310.11 अंक या 1.77 फीसदी बढ़कर 75,157.26 पर और निफ्टी 429.40 अंक या 1.92 फीसदी बढ़कर 22,828.55 पर बंद हुआ। वीकली बेसिस पर देखें तो 11 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में बाजार में मामूली गिरावट रही। लेकिन ग्लोबल बाजारों की तुलना में हमारे बाजारों का प्रदर्शन बेहतर रहा।
सप्ताह के दौरान बीएसई सेंसेक्स 207.43 अंक या 0.27 प्रतिशत गिरकर 75,157.26 पर और निफ्टी 75.9 अंक या 0.33 प्रतिशत गिरकर 22,828.55 पर बंद हुआ। आईटी, मेटल और रियल्टी सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले सेक्टर रहे। ये इंडेक्स 2-4 फीसदी नीचे बंद हुए। पीएसयू और एफएमसीजी सबसे ज़्यादा तेजी वाले इंडेक्स रहे। ये 2-4 प्रतिशत ऊपर बंद हुए।
अगले हफ्ते कैसी रह सकती है बाजार की चाल
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि भारतीय बाजार अंततः एक बहुत ही वोलेटाइल सप्ताह के बाद सकारात्मक रुख के साथ बंद हुआ। अमेरिका द्वारा रिसीप्रोकल टैरिफ पर रोक से बाजार को मदद मिली। आईटी,मेटल और कैपिटल गुड्स जैसे सेक्टरों में शॉर्ट टर्म में सुधार की उम्मीद में राहत की रैली देखने को मिली। बाजार की नजर अमेरिका-चीन ट्रेड वार से जुड़ी खबरों पर रहेगी।
दूसरी ओर बाजार ने नतीजों के मौसम में कमजोर उम्मीद के साथ प्रवेश किया है। आईटी दिग्गज टीसीएस के नतीजों में ट्रेड वॉर का प्रभाव देखने को मिला है। इससे डिस्क्रिशनरी खर्च में देरी होने की उम्मीद है।
भारत और अमेरिका के बीच चल रही द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के परिणाम पर भी फोकस रहेगा। अगर इसका कोई सकारात्मक नतीजा आता है तो घरेलू बाजार ट्रेड क्षमता में इजाफा हो सकता है। ब्याज दरों में कटौती और महंगाई में नरमी के साथ घरेलू बाजार में निवेशकों के लिए लंबे नजरिए निवेश के अच्छे मौके दिख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आगे खाने-पीने की चीजों की कीमतों में गिरावट के कारण महंगाई में और कमी आएगी और इससे आरबीआई को और नरमी बरतने का मौका मिलेगा। उम्मीद है कि छुट्टियों के कारण छोटे कारोबारी हफ्ते में बाजार में सतर्कता देखने को मिलेगी।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी अनुसंधान विश्लेषक नागराज शेट्टी का कहना है कि तकनीकी रूप देखें तो बाजार में टैरिफ वॉर के बीच हुई भारी गिरावट के बाद शॉर्ट टर्म में उछाल का संकेत मिल रहा है। निफ्टी इस समय मल्टी रेजिस्टेंस के आसपास है। वीकली चार्ट पर निफ्टी ने बुलिश मीटिंग लाइन टाइप कैंडल पैटर्न बनाया है। यह एक सकारात्मक संकेत है। निफ्टी का शॉर्ट-टर्म ट्रेंड पॉजिटिव बना हुआ है। 22900-23000 के स्तर से ऊपर जाने पर कुछ ही समय में 23400-23500 के स्तर का अपसाइड टारेगट खुल सकता है। निफ्टी के लिए 22700 के स्तर पर तत्काल सपोर्ट है।
मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि शुक्रवार को बाजार में तेजी देखने को मिली। ट्रम्प सरकार द्वारा अगले 90 दिनों तक किसी भी देश पर कोई आयात शुल्क न लगाने के फैसले ने निवेशकों को राहत दी,जिससे शॉर्ट कवरिंग को बढ़ावा मिला। हालांकि, निगेटिव रुझान के साथ इंट्रा-डे वोलैटिलिटी की वापसी की उम्मीद है क्योंकि चीन ने अमेरिकी आयात पर 125 फीसदी शुल्क लगाकर जवाबी हमला किया है, जिससे आगे चलकर बिकवाली हो सकती है।
एलकेपी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे का कहना है कि निफ्टी को डेली टाइम फ्रेम पर 21-ईएमए के आसपास रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ा है। जब तक निफ्टी निर्णायक रूप से 23,000 से ऊपर नहीं चला जाता, तब तक कमजोरी का ट्रेंड कायम रहेगा। नीचे की ओर निफ्टी के लिए 22,750 पर सपोर्ट है। इस स्तर से नीचे का ब्रेक मंदी की भावना को तेज कर सकता है। इसके विपरीत, 23,000 से ऊपर का निर्णायक कदम 23,500 की ओर रैली को ट्रिगर कर सकता है। आरएसआई में दिख रहा पॉजिटि डाइवर्जेंस भी अच्छा संकेत है।
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रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि वोलैटिलिटी इंडेक्स में लगातार गिरावट के साथ आई रिकवरी एक अच्छा संकेत है। हालांकि तेज उतार-चढ़ाव ट्रेडरों के लिए चुनौती बना हुआ है। अगर निफ्टी 22,900 से ऊपर बंद होता है तो यह 23,400 के पास स्थित अपने अहम मूविंग एवरेज को फिर हासिल कर सकता है। नीचे की ओर 22,300 पर तत्काल सपोर्ट है। जब तक बाजार में स्थिरता नहीं आती, हेजिंग की रणनीति बनाए रखें। ट्रेडरों को बाजार की आगे की दिशा का अंदाजा लगाने के लिए ग्लोबल खबरों और कॉर्पोरेट आय पर फोकस करना चाहिए।
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