IT Stocks: अमेरिकी टेक शेयरों में बिकवाली से बना दबाव, निफ्टी आईटी 2.5% टूटा, विप्रो बना निफ्टी का टॉप लूजर - it stocks selling pressure in us tech stocks nifty it fell 2-5 percent wipro became niftys top loser - Finance With Guruji

IT Stocks: अमेरिकी टेक शेयरों में बिकवाली से बना दबाव, निफ्टी आईटी 2.5% टूटा, विप्रो बना निफ्टी का टॉप लूजर – it stocks selling pressure in us tech stocks nifty it fell 2-5 percent wipro became niftys top loser

Nifty IT index : वीकली एक्सपायरी के दिन निफ्टी में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। निफ्टी 40 अंक फिसलकर 23400 के करीब कारोबार कर रहा है। हालांकि बैंक निफ्टी 350 अंक से ज्यादा की तेजी के साथ लगातार चौथे दिन आउटपरफॉर्म कर रहा है। मिडकैप और स्मॉलकैप भी हरे निशान में लौटे हैं। IT शेयरों की तगड़ी पिटाई हो रही है निफ्टी IT इंडेक्स करीब 2 फीसदी नीचे कारोबार कर रहा है। चौथी तिमाही में कमजोर प्रदर्शन से विप्रो 6 फीसदी टूटकर निफ्टी का टॉप लूजर बना है। LTIMINDTREE, एम्फैसिस और HCL टेक भी 3-4 फीसदी कमजोरी के साथ कारोबार कर रहे हैं।

आज सुबह के कारोबार में निफ्टी आईटी इंडेक्स में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट की सबसे बड़ी वजह वॉल स्ट्रीट के टेक हैवी नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स में कल हुई बिकवाली रही। इसके अलावा, आईटी सेक्टर की दिग्गज विप्रो लिमिटेड के कमजोर नतीजों और खराब गाइडेंस ने भी बिकवाली को बढ़ावा दिया। विप्रो के शेयरों में 6 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। कंपनी के चौथी तिमाही के नतीजों खराब रहे है। इसके अलावा आगे के आय अनुमान में भी कटौती की गई है, जिसके कारण ब्रोकरेज फर्मों ने शेयर की रेटिंग घटा दी है। मांग में आई गिरावट के कारण विप्रो की विकास संभावनाएं कमजोर दिख रही हैं।

विप्रो ने चालू तिमाही में आय में गिरावट का अनुमान लगाया है। उसका कहना है कि चालू तिमाही में आईटी सेवाओं से होने वाली आय 2,50.5 करोड़ डॉलर से 2,55.7 करोड़ डॉलर के बीच रह सकती है,जो कस्टेंट करेंसी से आधार पर में 1.5 से 3.5 प्रतिशत की तिमाही गिरावट का संकेत है।

इसके अलावा कंपनी के मैनेजमेंट ने ये भी कहा है कि टैरिफ वॉर के चलते फैली अनिश्चितता के चलते कंज्यूमर और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर से मिलने वाले ऑर्डरों में कमजोरी देखने को मिल रही है। टैरिफ वॉर के परिणामस्वरूप कुछ बड़े ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट्स में रुकावट आई है और ग्राहकों की और से आने वाली डिस्क्रिशनरी मांग पर निगेटिव असर पड़ा है। इससे उन सारे आईटी शेयरों पर असर पड़ा है जो अपनी कमाई के बड़े हिस्से के लिए अमेरिका पर निर्भर हैं।

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