भारतीय रेल ने बनाई सबसे लंबी ट्रांसपोर्ट टनल, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग प्रोजेक्ट में सफलता - Finance With Guruji

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भारतीय रेल ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग प्रोजेक्ट में 14.58 किमी लंबी टनल नंबर 8 का ब्रेकथ्रू सफलतापूर्वक पूरा किया है, जो देश की सबसे लंबी ट्रांसपोर्ट टनल है. यह प्रोजेक्ट 2026-27 तक पूरा होगा और चारधाम यात्रा को आसान…और पढ़ें

हिमालय के पहाड़ों को चीरकर निकाली भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग, देखें वीडियो

इस टनल की लंबाई 14.58 किलोमीटर है.

हाइलाइट्स

  • ऋषिकेश-कर्णप्रयाग प्रोजेक्ट में 14.58 किमी लंबी टनल बनी.
  • यह देश की सबसे लंबी ट्रांसपोर्ट टनल है.
  • प्रोजेक्ट 2026-27 तक पूरा होगा.

नई दिल्ली. भारतीय रेल दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क्स में से एक का संचालन करती है. भारतीय रेल के नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं. अब इन सफलताओं की किताब में एक नया अध्याय और जुड़ गया है. भारतीय रेल ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. यह पूरा रास्ता सुरंगों से भरा हुआ है. उत्तराखंड की पहाड़ियों में बन रहे इस रेल प्रोजेक्ट में रेलवे ने अब एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. इस प्रोजेक्ट में टनल नंबर 8 का ब्रेकथ्रू (आर-पार खोद देना) सफलतापूर्वक कर लिया गया है.

यह टनल नंबर 8 इस प्रोजेक्ट की ही नहीं बल्कि देश की सबसे लंबी ट्रांसपोर्ट टनल बन गई है. इसकी लंबाई 14.58 किलोमीटर है. इससे पहले जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में मौजूद सुरंगें सबसे लंबी मानी जाती थीं. यह प्रोजेक्ट केवल लंबाई या कनेक्टिविटी का ही मामला नहीं है, बल्कि यह तकनीकी रूप से भी एक बड़ा कदम है. पहली बार हिमालयी क्षेत्र में टनल बोरिंग मशीन (TBM) का इस्तेमाल किया गया, जिससे 10.4 किलोमीटर की खुदाई की गई. बाकी की खुदाई न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) से की गई. इस तकनीक का हिमालयी परिस्थितियों में कामयाब होना रेलवे इंजीनियरिंग के लिए बड़ी बात है.

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कई बड़ी चुनौतियां थी सामने
इस सुरंग के निर्माण में कई बड़ी चुनौतियां थीं—कमजोर चट्टानें, 800 मीटर तक भारी ओवरबर्डन और कई जगहों पर हर मिनट 2,000 लीटर तक पानी का रिसाव. इन सबके बावजूद इंजीनियरों ने रिकॉर्ड समय में यह काम पूरा किया, जो अब इस प्रोजेक्ट की तकनीकी गुणवत्ता का प्रमाण बन चुका है.



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