Yes Bank को एक साथ 2 टैक्स नोटिस, ₹536 करोड़ से ज्यादा की डिमांड; क्या शेयर से निकलने का आ गया वक्त? - yes bank received two tax demands notices worth rs 536 crore is again in trouble yes bank share rises 2 percent - Finance With Guruji

Yes Bank को एक साथ 2 टैक्स नोटिस, ₹536 करोड़ से ज्यादा की डिमांड; क्या शेयर से निकलने का आ गया वक्त? – yes bank received two tax demands notices worth rs 536 crore is again in trouble yes bank share rises 2 percent

प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक को एक साथ दो नए टैक्स नोटिस मिले हैं। एक में असेसमेंट ईयर 2016-17 के लिए 244.20 करोड़ रुपये और दूसरे में असेसमेंट ईयर 2017-18 के लिए 292.29 करोड़ रुपये के टैक्स की मांग की गई है। हालांकि ये दोनों नोटिस, पुराने नोटिस से जुड़े हैं और बैंक का कहना है कि की जा रही टैक्स डिमांड बेबुनियाद है। बैंक ने दोनों नोटिस के बारे में शेयर बाजारों को बताया है।

यस बैंक ने एक्सचेंज फाइलिंग में 244.20 करोड़ रुपये के टैक्स नोटिस को लेकर कहा, ‘बैंक को इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 143(3) के तहत दिसंबर 2018 में असेसमेंट ईयर 2016-17 के लिए पास असेसमेंट ऑर्डर मिला था। इसमें कुछ ​एडिशन/डिसअलाउएंस किए गए थे। संबंधित असेसमेंट ईयर रीअसेसमेंट प्रोसीडिंग्स के अधीन था और कुछ एडिशंस करने के बाद मार्च 2022 में सेक्शन 147 के तहत रीअसेसमेंट ऑर्डर पास किया गया था। बैंक ने प्रथम स्तर के अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष असेसमेंट और रीअसेसमेंट ऑर्डर, दोनों के खिलाफ अपील की हुई है।

मेंशन किए गए रीअसेसमेंट ऑर्डर में रीअसेस्ड इनकम और उस पर टैक्स की कैलकुलेशन के लिए असेस्ड इनकम के बजाय आयकर रिटर्न में रिपोर्ट की गई इनकम पर विचार किया गया। इस संबंध में 15 अप्रैल, 2025 को ज्यूरिसडिक्शनल असेसिंग ऑफिसर (JAO) ने गलती को सुधारते हुए रेक्टिफिकेशन ऑर्डर पास किया और टैक्स डिमांड की दोबारा कैलकुलेशन की। इस आदेश, कंप्यूटेशन शीट और सेक्शन 156 के तहत जारी हुए डिमांड नोटिस के चलते 244.20 करोड़ रुपये की अतिरिक्त टैक्स डिमांड पैदा हुई है, जिसमें इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 234A और 234B के तहत ब्याज की रीकंप्यूटिंग बिना किसी ठोस कारण के काफी अधिक कर दी गई है।’

दूसरे नोटिस को लेकर क्या बोला Yes Bank

292.29 करोड़ रुपये के टैक्स नोटिस को लेकर बैंक ने कहा, ‘बैंक को इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 143(3) के तहत दिसंबर 2019 में असेसमेंट ईयर 2017-18 के लिए पास असेसमेंट ऑर्डर मिला था। इसमें कुछ ​एडिशन/डिसअलाउएंस किए गए थे। संबंधित असेसमेंट ईयर रीअसेसमेंट प्रोसीडिंग्स के अधीन था और कुछ एडिशंस करने के बाद मार्च 2022 में सेक्शन 147 के तहत रीअसेसमेंट ऑर्डर पास किया गया था। बैंक ने प्रथम स्तर के अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष असेसमेंट और रीअसेसमेंट ऑर्डर, दोनों के खिलाफ अपील की हुई है।

मेंशन किए गए रीअसेसमेंट ऑर्डर में रीअसेस्ड इनकम और उस पर टैक्स की कैलकुलेशन के लिए असेस्ड इनकम के बजाय आयकर रिटर्न में रिपोर्ट की गई इनकम पर विचार किया गया। इस संबंध में 15 अप्रैल, 2025 को ज्यूरिसडिक्शनल असेसिंग ऑफिसर (JAO) ने गलती को सुधारते हुए रेक्टिफिकेशन ऑर्डर पास किया और टैक्स डिमांड की दोबारा कैलकुलेशन की। उसी दिन बाद में सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) ने भी एक अन्य रेक्टिफिकेशन ऑर्डर पास किया। CPC के इस आदेश के अनुसार 292.29 करोड़ रुपये की अतिरिक्त टैक्स डिमांड पैदा हुई है, जिसमें इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 234A और 234B के तहत ब्याज की रीकंप्यूटिंग बिना किसी ठोस कारण के काफी अधिक कर दी गई है।’

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यस बैंक ने कहा है कि वह 244.20 करोड़ रुपये के नोटिस के खिलाफ JAO के समक्ष और दूसरे नोटिस के खिलाफ JAO/CPC के समक्ष तत्काल आधार पर रेक्टिफिकेशन एप्लीकेशन दायर करेगा क्योंकि यह टैक्स डिमांड बेबुनियाद लगती है। इसके अलावा बैंक प्रथम स्तरीय अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील दायर करने सहित अन्य सभी उपलब्ध उपायों को फॉलो करेगा।

क्या शेयर पर हो सकता है असर?

Yes Bank का मानना ​​है कि इस मामले में अपनी पोजिशन को उचित रूप से प्रमाणित करने के लिए उसके पास पर्याप्त तथ्यात्मक और कानूनी आधार हैं। यस बैंक को नहीं लगता है कि इस आदेश के कारण बैंक के फाइनेंशियल, ऑपरेशन या अन्य गतिविधियों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। 16 अप्रैल को यस बैंक के शेयर की चाल से भी यही लगता है कि नए टैक्स नोटिसेज के चलते शेयर प्रभावित नहीं हुआ है। बीएसई पर यस बैंक का शेयर 2 प्रतिशत चढ़कर 17.87 रुपये पर बंद हुआ। बैंक का मार्केट कैप 56000 करोड़ रुपये है। शेयर पिछले एक साल में 25 प्रतिशत नीचे आया है। वहीं केवल 1 महीने में 10 प्रतिशत मजबूत हुआ है। जानकारों का मानना है कि यस बैंक के शेयर को होल्ड किया जा सकता है। वहीं नए निवेशक इसे अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं।

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