शेयर बाजार: 360 अंक गिरने के बाद 1500 अंक चढ़ा सेंसेक्स, क्या हैं इस तेजी के 5 कारण - Finance With Guruji

शेयर बाजार: 360 अंक गिरने के बाद 1500 अंक चढ़ा सेंसेक्स, क्या हैं इस तेजी के 5 कारण

नई दिल्ली. भारतीय शेयर बाजार में आज शानदार कमबैक किया है. सुबह की गिरावट के बाद निफ्टी और सेंसेक्टर में जबरदस्त एकतरफा तेजी आई. सेंसेक्स 1,500 अंक से ज्यादा चढ़ा और निफ्टी ने 23,800 का महत्वपूर्ण स्तर फिर हासिल कर लिया. यह उछाल वैश्विक बाजारों में मजबूती और विदेशी निवेशकों के लगातार खरीदारी करने की वजह से आया. इसके अलावा कुछ और कारण भी हैं, जिन्हें जान लेना जरूरी है. एक सवाल यह भी है कि क्या यह तेजी आगे भी जारी रहेगी? चलिए एक्सपर्ट व्यू से समझने की कोशिश करते हैं.

बाजार बंद होने तक, सेंसेक्स 1,508.9 (1.96%) अंक की बढ़त के साथ 78,553.20 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 414.45 उछाल के साथ 23,851.65 पर बंद हुआ.  बीएसई पर 2,396 शेयरों में तेजी रही, जबकि 1,563 शेयरों में गिरावट में रही. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 360 अंक और निफ्टी 130 अंक तक गिर गया था, लेकिन दोपहर तक बाजार ने न केवल पूरी रिकवरी कर ली, बल्कि तगड़ी बढ़त भी हासिल कर ली.

फाइनेंशियल, ऑटो और ऑयल-गैस सेक्टर के शेयरों ने इस तेजी में अहम भूमिका निभाई. भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, ग्रासिम, सनफार्मा और जोमैटो जैसे बड़े शेयरों में 5 फीसदी तक की बढ़त देखी गई.

किन वजहों से आ रही है शानदार तेजी
इस तेजी के पीछे 1-2 नहीं, बल्कि 5 कारण हैं. पहला तो विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) लगातार दूसरे दिन खरीदारी कर रहे हैं. बुधवार को FIIs ने 3,936 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू निवेशकों (DIIs) ने 2,513 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी.

दूसरा कारण रुपये की मजबूती रही. चौथे दिन लगातार डॉलर के मुकाबले 10 पैसे की तेजी के साथ रुपया 85.54 पर पहुंच गया. वैश्विक बाजारों में भी सकारात्मक रुख तेजी का एक कारण रहा. दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1 फीसदी से ज्यादा, जापान का निक्केई 1.32 फीसदी और हांगकांग का हैंग सेंग 1 फीसदी से अधिक चढ़ा. अमेरिकी बाजारों के फ्यूचर्स भी हरे निशान में थे, जिससे वहां भी मजबूत शुरुआत की उम्मीद है.

विशेषज्ञों का मानना है कि FIIs घरेलू खपत से जुड़े बड़े शेयरों में खरीदारी जारी रख सकते हैं. इसके अलावा, भारत और अमेरिका के बीच आने वाले महीनों में एक व्यापार समझौते की संभावना ने भी बाजार को सपोर्ट किया है. अगर यह समझौता होता है, तो भारतीय निर्यातकों को अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर के बीच नए अवसर मिल सकते हैं.

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed