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Pilibhit News : पीलीभीत में चायवाले श्याम बिहारी की दुकान को 5 मार्च को एक वाहन ने टक्कर मारकर तहस-नहस कर दिया. श्याम बिहारी का आरोप है कि 45 दिन बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. पुलिस के बाद सब सबूत है ले…और पढ़ें

गाड़ी की टक्कर से क्षतिग्रस्त हुई दुकान.
हाइलाइट्स
- पीलीभीत में चायवाले श्याम बिहारी को 45 दिन बाद भी न्याय नहीं मिला.
- पुलिस की लापरवाही से श्याम बिहारी की दुकान का नुकसान नहीं भर पाया.
- श्याम बिहारी ने लोगों से मदद की अपील की है.
पीलीभीत. उत्तर प्रदेश पुलिस भले ही अपराध मुक्ति और जन सेवा का दावा करती हो, लेकिन गरीब तबके के मामले में ये दावे फुस्स हो जाते हैं. पीलीभीत शहर में एक चायवाला पिछले 45 दिनों से पुलिस के आगे न्याय की गुहार लगा रहा है. लेकिन पुलिस के कानों में जूं नहीं रेंग रही है. नतीजा ये है कि पीड़ित के घर का चूल्हा उधार के पैसों से जल रहा है.
फ़र्ज़ कीजिए कि आप एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार के मुखिया हैं. बीते लगभग 4 दशकों से एक चाय के खोखे (टपरी) से हुई आमदनी से आपके घर का चूल्हा जला रहा है. उसी पैसों से आपके घर के बच्चे स्कूल जा रहे हैं. लेकिन एक रात अचानक दौलत के नशे में धुत्त एक रईसजादा अपनी बड़ी गाड़ी को सड़क पर दौड़ाते हुए आपके उस खोखे को टक्कर मार कर उसे तहस नहस कर दे तो आप कितना लाचार महसूस करेंगे. पीलीभीत शहर में चाय का खोखा चलने वाले श्याम बिहारी के साथ ठीक ऐसा ही हुआ है. वहीं उनकी लाचारी पर पीलीभीत पुलिस चार चांद लगा रही है.
5 मार्च को हुई थी वारदात
दरअसल, पूरा मामला 5 मार्च की देर रात का है. श्याम बिहारी का आरोप है एक वाहन ने उनके खोखे में भीषण टक्कर मार दी थी, जिससे उनका खोखा और उसमे रखा सारा सामान टूट फूट गया. 6 मार्च की सुबह वे जब दुकान पहुंचे तो उन्हें पूरे मामले की जानकारी लगी. जिस दौरान वह अपनी दुकान देख रहे थे उन्हें वहां गाड़ी की नंबर प्लेट का अगला हिस्सा पड़ा मिला. ऐसे में उन्हें पूरी उम्मीद थी कि पुलिस में शिकायत दर्ज कराते ही पुलिस उन्हें न्याय दिलाएगी. लेकिन हुआ इसके बिलकुल विपरीत, पुलिस ने गरीब आदमी देखा और शुरू हो गया टालामटोली का खेल.
45 दिनों बाद भी नहीं मिला इंसाफ
श्याम बिहारी जब भी अपने द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मामले में जानकारी लेने जाते हैं तो उन्हें पुलिस की ओर से जवाब दिया जाता है की आरोपी गैर जनपद व प्रदेश का है. श्याम बिहारी बताते हैं कि पिछले 45 दिनों से वह न्याय की गुहार लगा रहे हैं. पुलिस से उम्मीद छोड़कर उन्होंने अपने जानकारों से सहयोग लेकर चाय की एक छोटी सी ठेली लगाना शुरू की, लेकिन क़ुदरत को ये भी नागवार गुज़रा. बीती रात आयी आँधी में उनकी यह दुकान भी तहस नहस हो गई.
श्याम बिहारी की लोगों से अपील
श्याम बिहारी बताते हैं कि उनके घर का खर्च उनके बेटे की दिहाड़ी या फिर लोगों से उधार मांगकर चलता है. उन्होंने लोकल 18 के माध्यम से पुलिस अधिकारियों से अपील की है कि उन्हें उनकी दुकान में हुए नुक़सान की भरपाई की जाए जिससे उनके घर का चूल्हा जल सके. अगर आप श्याम बिहारी की किसी भी तरह से मदद करना चाहते हैं तो वे आपको शहर के सुनगढ़ी थाने से कुछ मीटर की दूरी पर स्थित महेश चंद्रा हॉस्पिटल के बाहर मिलेंगे. आप उनसे संपर्क कर उनकी मदद कर सकते हैं.