मेरे प्यारे दोस्तों शेयर बाजार का क्रैश किसी भी निवेशक के लिए चिंता का विषय हो सकता है। 21 जनवरी को सेंसेक्स में हुई गिरावट ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस आर्टिकल में हम इस क्रैश के पीछे के कारणों को विस्तार से समझेंगे, ताकि आप बेहतर निर्णय ले सकें, और हमेशा से में कहता हूँ मार्केट के कल आज और आने वाले कल तक की खबरों के लिए हमे फॉलो करके रखे।
1. FII (Foreign Institutional Investors) का बाजार से बाहर निकलना
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की गतिविधियाँ शेयर बाजार पर गहरा प्रभाव डालती हैं। जब FII बड़े पैमाने पर शेयर बेचते हैं, तो बाजार में गिरावट देखी जाती है। ये कारन भी हो सकता है।
कारण:
- अमेरिका और यूरोप के सेंट्रल बैंकों द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि।
- डॉलर की मजबूती।
समय अवधि | FII की निकासी (करोड़ों में) |
---|---|
1-10 जनवरी | 12,000 |
11-20 जनवरी | 15,500 |
महत्वपूर्ण लिंक: RBI का रिपोर्ट
2. ब्याज दरों में वृद्धि (Interest Rate Hike)
ब्याज दरों में वृद्धि का सीधा प्रभाव कंपनियों के ऑपरेटिंग कॉस्ट पर पड़ता है। इसके चलते कंपनियों का प्रॉफिट मार्जिन घट सकता है।
मुख्य बिंदु:
- RBI ने अपनी पॉलिसी में रेपो रेट बढ़ाई।
- होम लोन और अन्य ऋण महंगे हुए।
3. वैश्विक मंदी का डर (Fear of Global Recession)
2023-24 में वैश्विक मंदी की आशंका ने निवेशकों की धारणाओं को प्रभावित किया है।
संकेत:
- IMF और विश्व बैंक ने वैश्विक GDP ग्रोथ को लेकर चिंता जताई।
- अमेरिकी टेक कंपनियों में भारी छंटनी।
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4. कंपनियों के कमजोर परिणाम (Weak Corporate Earnings)
कई कंपनियों ने अपनी तीसरी तिमाही के कमजोर नतीजे घोषित किए, जिसने बाजार की धारणा को कमजोर किया।
प्रमुख प्रभावित सेक्टर:
- आईटी सेक्टर
- फाइनेंशियल सर्विसेज
कंपनी का नाम | Q3 परिणाम (करोड़ों में) |
TCS | ↓ 2% |
Infosys | ↓ 3% |
5. कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि (Rising Crude Oil Prices)
भारत एक बड़ा तेल आयातक देश है, और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि का सीधा असर हमारे व्यापार घाटे पर पड़ता है। ये सबसे बड़ा कारन है।
आंकड़े:
- कच्चे तेल की कीमतें $80 से $90 प्रति बैरल तक पहुंचीं।
निवेशकों के लिए सुझाव (Tips for Investors)
दोस्तों नीचे दिए गए पॉइंट्स को ध्यानपूर्वक पड़े।
- लॉन्ग टर्म सोचें: – शेयर बाजार में गिरावट अस्थायी होती है।
- डायवर्सिफाई करें: – अपने पोर्टफोलियो को विभिन्न सेक्टर्स में फैलाएं।
- मूल्यांकन पर ध्यान दें: – अच्छी कंपनियों के शेयर गिरावट में खरीदने का मौका होता है।3. वैश्विक मंदी का डर (Fear of Global Recession)2023-24 में वैश्विक मंदी की आशंका ने निवेशकों की धारणाओं को प्रभावित किया है।संकेत:
- IMF और विश्व बैंक ने वैश्विक GDP ग्रोथ को लेकर चिंता जताई।
- अमेरिकी टेक कंपनियों में भारी छंटनी।
निष्कर्ष (Conclusion)
21 जनवरी को सेंसेक्स में आई गिरावट कई आर्थिक और वैश्विक कारणों का नतीजा थी। निवेशकों को घबराने की बजाय, सही रणनीति अपनानी चाहिए।और हमेशा हमे फॉलो करके रखे।
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