अमृत उद्यान: विलियम मुस्टो का डिजाइन, राष्ट्रपति भवन का ऐतिहासिक बाग. - Finance With Guruji

अमृत उद्यान: विलियम मुस्टो का डिजाइन, राष्ट्रपति भवन का ऐतिहासिक बाग.

Mughal Garden: राष्ट्रपति भवन के अमृत उद्यान को पहले मुगल बाग के नाम से जाना जाता था. इसे ब्रिटिश राज्य के दौरान बनवाया गया था. भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इसे हर साल एक माह के लिए आम जनता के लिए खोलने का फैसला किया था. तब से यह परंपरा चली आ रही है. इस साल भी अमृत उद्यान दो फरवरी से 30 मार्च तक जनता के भ्रमण के लिए खुला रहा. साल 2023 की शुरुआत में केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 1928-29 में बने मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया था.

15 एकड़ में फैले इस आकर्षक उद्यान की प्रेरणा जम्मू-कश्मीर के मुगल गार्डन, ताजमहल के आसपास के उद्यानों और भारत और फारस की मिनिएचर पेंटिंग से ली गई. आम तौर पर यह माना जाता है कि यह उद्यान नई दिल्ली के ऑर्किटेक्ट सर एडविन लुटियन के दिमाग की उपज है. लेकिन, वास्तव में, इसके डिजाइनर बागवानी के निदेशक विलियम मुस्टो थे, जिन्होंने नए बने वायसराय हाउस में इस पर काम किया था. लुटियन और मुस्टो ने दो अलग-अलग बागवानी परंपराओं को एक साथ प्रदर्शित करने के लिए सहमत होने से पहले लंबी चर्चा की थी. फिर मुस्टो को मुगल उद्यान बनाने की पूरी स्वतंत्रता दी गई थी.

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शब्दों से परे सुंदरता
इस उद्यान में अंतरराष्ट्रीय अंदाज नजर आता है. इसमें नीदरलैंड से ट्यूलिप, ब्राजील के ऑर्किड, जापान से चेरी के फूल और चीन से लिली लगाए गए. वे मुगल नहरों, छतों के साथ मुगल डिजाइन के ज्यामितीय डिजाइनों के बीच खिलते हैं तो एक अलग समां पैदा होता है. क्रिस्टोफर हसी की ‘द लाइफ ऑफ सर एडविन लुटियंस’ में ऑर्किटेक्ट की पत्नी लेडी एमिली बुल्वर-लिटन ने बगीचे की सुंदरता की प्रशंसा की है. उन्होंने कहा, “इतने बड़े पैमाने पर लगे फूल रंगों और सुगंधों का अद्भुत नजारा पेश करते हैं. लगातार चल रहे फव्वारे एक अलग ही दुनिया बनाते हैं. इसके आगे का गोल बगीचा अपनी सुंदरता में हर चीज को मात देता है और शब्दों से परे है.”

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गुलाब गार्डन है खासियत
गुलाब के पौधे मुगल गार्डन की एक प्रमुख विशेषता हैं. राष्ट्रपति निवास में गुलाब की 159 किस्में उगती हैं. इनमें अडोरा, मृणालिनी, ताज महल, एफिल टॉवर, मॉडर्न आर्ट, ब्लैक लेडी, पैराडाइज, ब्लू मून और लेडी एक्स शामिल हैं. गुलाब का नाम मदर टेरेसा, राजा राम मोहन राय, जॉन एफ कैनेडी, क्वीन एलिजाबेथ और क्रिश्चियन डायर जैसे आइकन के नाम पर भी रखा गया है. इनमें महाभारत के अर्जुन और भीम भी शामिल हैं. विशाल बगीचे में मौसमी फूलों की 70 से अधिक किस्में भी उगती हैं. इसमें बोगनविलिया की 101 ज्ञात किस्मों में से 60 भी हैं. इस उद्यान में लगभग 50 किस्म के पेड़, झाड़ियां और लताएं हैं, जिनमें मौलसिरी का पेड़, सुनहरा वर्षा वृक्ष और मशाल वृक्ष शामिल हैं. 

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चमकता है कड़ी मेहनत से
टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमिता बाविस्कर ने ‘फर्स्ट गार्डन ऑफ द रिपब्लिक’ में लिखा है, “वसंत में (मुगल) उद्यानों में आने वाले लाखों आगंतुक शायद ही जानते हों कि इस दृश्य को बनाने में महीनों की कड़ी मेहनत और योजनाएं लगी हैं. सितंबर के भूरे फूलों से लेकर फरवरी के इंद्रधनुषी रंगों और सुगंधों तक, यह माली ही हैं जिनका शांत और निरंतर काम उद्यान को चमका देता है.” ज्यादातर माली सैनी जाति के हैं और कई के पिता और यहां तक कि उनके दादा भी यहां काम करते थे. ये सभी माली सीपीडब्ल्यूडी के कर्मचारी हैं और राष्ट्रपति भवन एस्टेट में रहते हैं. उन्हें कहीं और स्थानांतरित नहीं किया जाता है.

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